दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के घर पर छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन स्कैम से जुड़ी बताई जा रही है।
छापेमारी की खबर फैलते ही AAP नेताओं ने मोदी सरकार पर तीखे हमले शुरू कर दिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बयान जारी कर कहा कि,
“AAP मोदी सरकार की सबसे मुखर आवाज़ है, इसलिए हमें टारगेट किया जा रहा है। भाजपा अब लोकतंत्र में विपक्ष को खत्म करने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।”
हॉस्पिटल कंस्ट्रक्शन स्कैम क्या है?
ईडी की जांच के अनुसार, दिल्ली में कई नए सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का संदेह है। आरोप है कि ठेकों के आवंटन और भुगतान प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
ईडी ने दावा किया है कि कुछ संविदा कंपनियों और राजनीतिक संबंधों के बीच धन के लेन-देन के सबूत मिले हैं।
AAP का पलटवार
AAP ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताया है।
पार्टी प्रवक्ता आतिशी ने कहा कि,
“जब-जब भाजपा मुश्किल में आती है, तब-तब वह AAP नेताओं पर छापे मरवाती है। लेकिन अब जनता सब देख रही है। सौरभ भारद्वाज हमेशा ईमानदार और जनता के लिए काम करने वाले नेता रहे हैं।”
साथ ही AAP ने यह भी कहा कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद से लगातार विपक्षी नेताओं को चुप कराने की कोशिश कर रही है।
केजरीवाल का सीधा हमला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर (X) पर लिखा:
“AAP मोदी सरकार की सबसे ज़ोरदार आलोचक है। इसलिए भाजपा ने हमें निशाना बनाने का ठान लिया है। पहले मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को फंसाया गया, अब सौरभ भारद्वाज को टारगेट किया जा रहा है। यह लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाही है।”
भाजपा का पलटवार
उधर, भाजपा ने AAP के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा:
“AAP नेताओं के पास छुपाने के लिए बहुत कुछ है। यही कारण है कि हर बार जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर वे इसे राजनीतिक साज़िश बताते हैं। अगर सौरभ भारद्वाज निर्दोष हैं, तो उन्हें डरने की ज़रूरत नहीं।”
बढ़ती सियासी तकरार
विशेषज्ञों का कहना है कि ईडी की इस कार्रवाई ने दिल्ली की राजनीति में नया भूचाल ला दिया है।
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एक ओर जहां भाजपा इसे “भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम” बता रही है।
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वहीं AAP इसे “लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने का हथकंडा” करार दे रही है।
आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद और सड़कों दोनों पर गूंजने की संभावना है।
विपक्षी दलों का समर्थन
दिल्ली कांग्रेस और INDIA गठबंधन के कई नेताओं ने भी इस छापेमारी को लेकर चिंता जताई है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा:
“भाजपा सरकार ने ED और CBI को सिर्फ राजनीतिक हथियार बना दिया है। देश में लोकतंत्र खतरे में है।”
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस छापेमारी को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है।
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AAP समर्थकों ने कहा कि “यह मोदी सरकार की तानाशाही का सबूत है।”
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जबकि भाजपा समर्थकों का कहना है कि “अगर AAP ईमानदार है तो जांच से क्यों डर रही है?”
निष्कर्ष
ED की छापेमारी ने दिल्ली की सियासत में गर्मी ला दी है। AAP इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही है, तो भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करार दे रही है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि इस घटनाक्रम ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजनीति में बहस को और तेज कर दिया है।