फडणवीस का राज ठाकरे पर हमला: ‘वोट चोरी’ के दावों पर बोला झूठा प्रचार, जनता को गुमराह करने की कोशिश
महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक बार फिर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज ठाकरे जनता के बीच ‘वोट चोरी’ जैसे दावे कर केवल लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
फडणवीस ने साफ शब्दों में कहा कि महाराष्ट्र की जनता सब समझती है और ऐसे झूठे प्रचार का कोई असर नहीं पड़ेगा।
🔹 फडणवीस का बयान
फडणवीस ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“राज ठाकरे का यह आरोप कि भाजपा और हमारी सरकार ‘वोट चोरी’ करती है, पूरी तरह से बेबुनियाद है। यह केवल लोगों के बीच गलतफहमी फैलाने और राजनीतिक लाभ लेने की चाल है। महाराष्ट्र की जनता अब ऐसी राजनीति को बखूबी समझ चुकी है।”
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर पार्टी को अपनी राय रखने का अधिकार है, लेकिन झूठ और भ्रामक आरोपों से राजनीति करना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।
🔹 राज ठाकरे का आरोप
गौरतलब है कि हाल ही में एक रैली में राज ठाकरे ने भाजपा और सरकार पर “वोट चोरी करने और जनता की भावनाओं से खेलने” का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सत्ताधारी दल चुनावी प्रक्रिया में धांधली कर रहा है और विपक्षी आवाज़ों को दबा रहा है।
उनके इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
🔹 भाजपा का पलटवार
फडणवीस ने कहा कि भाजपा ने हमेशा लोकतांत्रिक और पारदर्शी तरीके से चुनाव लड़े हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा:
“जिन्हें जनता ने नकार दिया है, वे अब हार का ठीकरा ‘वोट चोरी’ पर फोड़ रहे हैं। यह जनता का अपमान है और जनता इस अपमान का जवाब जरूर देगी।”
🔹 महाराष्ट्र की राजनीति में बढ़ती गर्मी
विशेषज्ञों का मानना है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ-साथ महाराष्ट्र की राजनीति में बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज़ होगा।
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भाजपा–शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) सत्ता में हैं।
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दूसरी ओर, मनसे, शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस-राकांपा विपक्ष में आक्रामक होते दिख रहे हैं।
राज ठाकरे का यह बयान इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
🔹 जनता की प्रतिक्रिया
मुंबई और पुणे जैसे शहरी इलाकों में युवाओं ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस शुरू कर दी है।
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कुछ लोग राज ठाकरे के आरोपों को सही मानते हैं।
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जबकि अधिकतर का मानना है कि यह केवल चुनावी बयानबाज़ी है।
📝 निष्कर्ष
देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे के बीच इस राजनीतिक तकरार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले महीनों में गरमाहट और बढ़ेगी।
जहां फडणवीस इसे “जनता को गुमराह करने की चाल” बता रहे हैं, वहीं राज ठाकरे अपने “वोट चोरी” वाले आरोप पर डटे हुए हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले चुनावों में जनता किस पर भरोसा जताती है।