कर्नाटक की राजनीति उस समय हिल गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस विधायक के.सी. वीरेंद्र के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने गंगटोक से विधायक को गिरफ्तार किया और उनके घर पर छापेमारी के दौरान 12 करोड़ रुपये नकद, किलो में सोना-चांदी, विदेशी मुद्रा और मर्सिडीज जैसी लग्ज़री कारें बरामद कीं। इतना ही नहीं, छापे के दौरान अधिकारियों को कैसिनो सदस्यता कार्ड और कई ऐसे दस्तावेज़ मिले, जो उनके कथित अवैध कारोबार की परतें खोलते हैं।
सूत्रों के अनुसार, विधायक पर आरोप है कि वे एक बड़े ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाज़ी रैकेट से जुड़े हुए थे। इस नेटवर्क के जरिए अवैध लेनदेन का खेल लंबे समय से चल रहा था। जांच एजेंसी का कहना है कि यह गिरोह न केवल कर्नाटक में बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों और विदेशों तक फैला हुआ है।
ईडी की टीम जब विधायक के घर पहुंची तो वहां छिपाकर रखे गए नोटों और सोने-चांदी की खेप देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए। गाड़ियों के गैराज से लेकर घर के अलग-अलग कमरों तक, हर जगह से कैश और कीमती सामान बरामद हुआ। बरामदगी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया कि आखिर एक जनप्रतिनिधि के पास इतनी बड़ी दौलत कहां से आई।
गंगटोक से गिरफ्तारी के बाद ईडी ने वीरेंद्र को अदालत में पेश किया, जहां उन्हें रिमांड पर भेजा गया है। ईडी का कहना है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि आखिर इस पूरे रैकेट में और कौन-कौन शामिल है।
राजनीतिक गलियारों में इस कार्रवाई ने हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया है कि जब सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधि ही अवैध कारोबार में शामिल पाए जाते हैं, तो आम जनता का सिस्टम पर भरोसा कैसे कायम रहेगा। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों पर इस तरह के आरोप न केवल राजनीति को बदनाम करते हैं, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी कमजोर करते हैं। लोग उम्मीद करते हैं कि विधायक जनता की सेवा करेंगे, लेकिन जब उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई होती है, तो यह समाज के लिए चिंताजनक संकेत है।
यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि राजनीति और अपराध का गठजोड़ कितना गहरा है और देश की संस्थाएं इस पर किस तरह कार्रवाई करती हैं। ईडी की छापेमारी ने न केवल एक बड़े रैकेट को उजागर किया है, बल्कि सत्ता और काले धन के बीच के संबंधों को भी सामने ला दिया है।