चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र: भारत का सुरक्षा कवच और मजबूत
भारत सरकार ने एक बड़ा रक्षा सौदा शुरू करते हुए चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र तैनात करने की योजना बनाई है। यह अत्याधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों को रोकने में सक्षम होगा। रक्षा मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है।
यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर लगातार तनाव की स्थिति बनी रहती है।
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र: क्यों जरूरी?
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चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) लगातार सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा बढ़ा रही है।
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पाकिस्तान भी चीन के सहयोग से मिसाइल और ड्रोन टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ा रहा है।
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दोनो मोर्चों से खतरे को देखते हुए भारत को एक मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम की आवश्यकता महसूस हुई।
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र तैनात होने से भारत को दो मोर्चों पर रक्षा कवच मिलेगा।
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र: सिस्टम की खासियतें
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यह मिसाइल सिस्टम 360 डिग्री कवरेज प्रदान करेगा।
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एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम होगा।
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दुश्मन के फाइटर जेट्स, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों को भी मार गिरा सकेगा।
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इंडिजिनस और विदेशी टेक्नोलॉजी का मिश्रण होगा।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र भारतीय वायुसेना को गेमचेंजर क्षमता देगा।
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र: सरकार और सेना का बयान
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रक्षा मंत्रालय: “यह सौदा भारत की सामरिक स्थिति को और मजबूत करेगा। सीमा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
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भारतीय वायुसेना: “इस सिस्टम की तैनाती से हमारी एयर डिफेंस क्षमता में कई गुना वृद्धि होगी।”
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सुरक्षा विशेषज्ञ: “यह निवेश लंबे समय तक भारत की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करेगा।”
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र: 30 हजार करोड़ का सौदा
यह रक्षा सौदा भारत के इतिहास में सबसे महंगे एयर डिफेंस प्रोजेक्ट्स में से एक होगा।
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टेंडर की राशि लगभग 30 हजार करोड़ रुपये है।
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इसमें स्वदेशी कंपनियों और विदेशी रक्षा निर्माताओं दोनों को शामिल किया जाएगा।
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मेक इन इंडिया पहल के तहत अधिकतर तकनीक देश में विकसित की जाएगी।
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र: रणनीतिक महत्व
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डुअल फ्रंट वार (China + Pakistan) की आशंका में बड़ा हथियार।
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लेह, लद्दाख, अरुणाचल और राजस्थान-गुजरात सीमा क्षेत्रों में तैनाती।
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दुश्मन के शुरुआती हमलों को रोककर जवाबी कार्रवाई का समय देगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र भारत की सुरक्षा नीति का अहम हिस्सा होगा।
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र: अंतरराष्ट्रीय संदेश
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भारत का यह कदम चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश है।
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अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे देश भी भारत के डिफेंस पार्टनर हैं।
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इस सौदे से भारत का वैश्विक रक्षा उद्योग में दबदबा और बढ़ेगा।
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र: भविष्य की तैयारियाँ
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इस सिस्टम की पहली खेप 2027 तक मिलने की संभावना है।
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DRDO भी इस प्रोजेक्ट में तकनीकी सहयोग करेगा।
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आने वाले वर्षों में भारत पूरी तरह स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
निष्कर्ष
चीन-पाक सीमा पर अनंत शस्त्र केवल एक सैन्य परियोजना नहीं है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा नीति और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 30 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे से भारत की सीमाएँ और सुरक्षित होंगी और दुश्मन देशों को भी स्पष्ट संदेश जाएगा कि भारत किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।