अमेरिका के 50% टैरिफ आज से लागू, 48 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली। भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर बड़ा झटका लगा है। आज से अमेरिका द्वारा लागू किए गए 50 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) का सीधा असर भारतीय वस्तुओं पर पड़ने जा रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे करीब 48 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ेगा। यह टैरिफ ऐसे समय में लागू हुआ है, जब भारत अपनी निर्यात प्रतिस्पर्धा को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
📉 किन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
जानकारी के अनुसार अमेरिका ने यह 50% टैरिफ मुख्य रूप से स्टील, अल्युमिनियम, टेक्सटाइल, फार्मा, और कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स पर लगाया है। भारत इन सेक्टर्स से बड़े पैमाने पर अमेरिका को निर्यात करता है।
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टेक्सटाइल और गारमेंट्स: लगभग 12 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा।
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फार्मा और केमिकल्स: 10 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार प्रभावित हो सकता है।
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स्टील और मेटल सेक्टर: करीब 8 अरब डॉलर का निर्यात दबाव में आएगा।
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आईटी हार्डवेयर व इलेक्ट्रॉनिक्स: 6 अरब डॉलर तक का नुकसान संभावित।
🌍 भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर प्रभाव
भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ वर्षों में व्यापारिक संबंध मजबूत हुए हैं। अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा निर्यातक बाजार है। लेकिन इन बढ़े हुए टैरिफ्स के चलते भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी और अमेरिकी बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है।
📊 विशेषज्ञों की राय
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व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय कंपनियों को अपने निर्यात के नए बाज़ार तलाशने होंगे।
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कुछ विशेषज्ञ इसे “अमेरिका की संरक्षणवादी नीति” बता रहे हैं, जिससे वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।
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वहीं, सरकार अब वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियमों के तहत अमेरिका से बातचीत कर सकती है।
🇮🇳 भारत सरकार की रणनीति
सरकार का कहना है कि वह निर्यातकों के साथ मिलकर वैकल्पिक बाज़ारों की पहचान करेगी। साथ ही, घरेलू उद्योगों को राहत देने के लिए कुछ नीतिगत कदम उठाए जा सकते हैं।
✨ निष्कर्ष
आज से लागू हुए अमेरिकी 50% टैरिफ से भारतीय निर्यातकों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है। यह कदम भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों को भी प्रभावित करेगा। अब देखना होगा कि भारत सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाती है।