ट्रंप टैरिफ का भारत पर पहला असर: शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार द्वारा भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले का सीधा असर भारतीय बाजार पर देखा गया। मंगलवार को शेयर बाजार खुलते ही बिकवाली का तूफान आया और बड़े से बड़े स्टॉक्स धड़ाम हो गए।
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1,250 अंकों की गिरावट के साथ 75,300 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 350 अंकों की गिरावट के साथ 22,050 पर आ गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह पिछले 6 महीनों में बाजार की सबसे बड़ी एक-दिवसीय गिरावट है।
किन सेक्टर्स पर पड़ा सबसे ज्यादा असर?
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आईटी सेक्टर:
अमेरिका भारत के आईटी सर्विसेज का सबसे बड़ा बाजार है। टैरिफ और पॉलिसी अनिश्चितता की खबर से इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो के शेयर 3–5% तक टूट गए। -
ऑटो सेक्टर:
अमेरिका को निर्यात करने वाली कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर हुआ। मारुति सुजुकी, महिंद्रा और टाटा मोटर्स के शेयरों में 4% तक गिरावट दर्ज की गई। -
फार्मा सेक्टर:
अमेरिकी बाजार पर निर्भर कंपनियों में भी दबाव देखने को मिला। सन फार्मा और डॉ. रेड्डीज के शेयर लाल निशान पर रहे। -
मेटल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर:
स्टील और एल्युमिनियम से जुड़ी कंपनियों पर ट्रंप टैरिफ का सीधा असर पड़ा। टाटा स्टील, JSW Steel जैसे स्टॉक्स में 5% तक गिरावट रही।
निवेशकों की पूंजी डूबी
आज की गिरावट में निवेशकों की लगभग 5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी बाजार से साफ हो गई। छोटे निवेशकों से लेकर बड़े संस्थागत निवेशकों तक सभी ने नुकसान उठाया।
एक निवेशक ने कहा – “हम सोच रहे थे कि टैरिफ का असर धीरे-धीरे आएगा, लेकिन आज बाजार खुलते ही धड़ाम हो गया। भरोसा टूट गया है।”
विदेशी निवेशक बने बिकवाली के जिम्मेदार
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने आज जमकर बिकवाली की। डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने भी इस गिरावट को और गहरा कर दिया।
सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने कहा है कि वह अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ डब्ल्यूटीओ (WTO) में अपील करेगी और अपने उद्योगों को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा – “सरकार निवेशकों और उद्योगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी। हम अमेरिकी फैसले का कानूनी और कूटनीतिक दोनों स्तर पर मुकाबला करेंगे।”
विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?
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एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक ने कहा – “यह गिरावट भावनात्मक प्रतिक्रिया है। जब तक टैरिफ की पूरी तस्वीर साफ नहीं होती, बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी।”
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ICICI डायरेक्ट के अनुसार, आईटी और ऑटो सेक्टर पर मध्यम अवधि में दबाव रहेगा, लेकिन घरेलू खपत से जुड़े स्टॉक्स मजबूत बने रह सकते हैं।
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एंजल ब्रोकिंग ने सलाह दी कि निवेशक घबराएँ नहीं और गिरावट में लंबी अवधि के लिए चुनिंदा स्टॉक्स खरीदने पर ध्यान दें।
आगे का रास्ता
शेयर बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ हफ्ते काफी उतार-चढ़ाव वाले रहेंगे।
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यदि अमेरिका और भारत के बीच बातचीत से समाधान निकलता है, तो बाजार संभल सकता है।
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लेकिन अगर टैरिफ लंबे समय तक लागू रहे, तो भारतीय निर्यात-आधारित सेक्टर को बड़ा झटका लग सकता है।
निष्कर्ष
ट्रंप टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार पर असर साफ दिखने लगा है। शेयर बाजार की आज की गिरावट ने निवेशकों को हिला दिया है। आने वाले दिनों में सरकार और उद्योग जगत को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।