ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत को झटका, अमेरिका ने 50% तक बढ़ाया आयात शुल्क
US अमेरिका का बड़ा फैसला: भारत के निर्यात पर 50% तक टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक नई टैरिफ नीति की घोषणा करते हुए भारत से आयात होने वाले कुछ प्रमुख उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर 50% तक कर दिया है। यह कदम भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की आयात जारी रखने के कारण उठाया गया है। इस नीति का प्रभाव भारत के ₹64 अरब डॉलर के निर्यात पर पड़ सकता है।
किन क्षेत्रों पर होगा सबसे अधिक असर?
ट्रंप सरकार के इस निर्णय से भारत के निम्नलिखित क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे:
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टेक्सटाइल (वस्त्र उद्योग)
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सीफूड (समुद्री उत्पाद)
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रत्न और आभूषण उद्योग
इन क्षेत्रों से जुड़े हज़ारों छोटे और मध्यम उद्यमों पर संकट मंडरा रहा है, वहीं अमेरिकी कंपनियों ने उत्पादन अन्य देशों में शिफ्ट करने के संकेत दिए हैं।
भारत की प्रतिक्रिया: बातचीत के लिए तैयार, पर नर्मी नहीं
भारत सरकार ने इस नीति को “एकतरफा और अनुचित” करार देते हुए अमेरिका से संवाद और समाधान की अपील की है। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि रूस से तेल खरीदना एक संप्रभु निर्णय है, और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
आर्थिक असर: भारत-अमेरिका दोनों पर दबाव
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Morgan Stanley का अनुमान: भारत की GDP में 0.8% तक की गिरावट संभव
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SBI रिसर्च: अमेरिका को भी नुकसान, क्योंकि महंगे आयात से उनके व्यापारियों और ग्राहकों पर दबाव पड़ेगा
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भारतीय शेयर बाज़ार (निफ्टी और सेंसेक्स) में तेज़ गिरावट देखी गई
कूटनीतिक असर: Quad बैठक टली, विश्वास में दरार
ट्रंप की इस नीति के बाद Quad नेताओं की बैठक को स्थगित कर दिया गया है।
NATO सलाहकारों ने भी इस निर्णय की आलोचना की है और इसे भारत-अमेरिका संबंधों के लिए नुकसानदायक बताया है।
निष्कर्ष:
भारत अब उन विकल्पों पर काम कर रहा है, जिनसे निर्यात को नया बाज़ार मिले और अमेरिकी दबाव से निपटा जा सके। यह टैरिफ नीति केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक और कूटनीतिक तनाव का संकेत भी देती है।