Thursday, October 16, 2025
Thursday, October 16, 2025
HomeNationalIRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका: कोर्ट ने कहा टेंडर...

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका: कोर्ट ने कहा टेंडर प्रक्रिया में दखल देकर कराया बदलाव

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका, कोर्ट ने कहा कि उन्होंने टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर अनियमित बदलाव कराए।

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका: कोर्ट ने कहा टेंडर प्रक्रिया में दखल देकर कराया बदलाव

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि रेलवे टेंडर प्रक्रिया में लालू प्रसाद यादव ने सीधे तौर पर हस्तक्षेप कर उसमें बदलाव कराए। अदालत ने यह भी माना कि घोटाले में लाभ पहुंचाने के लिए पद का दुरुपयोग किया गया। यह फैसला बिहार की राजनीति और लालू परिवार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका — क्या है पूरा मामला

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका तब लगा जब कोर्ट ने साफ कहा कि आरोपों में दम है। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे।
सीबीआई के अनुसार, लालू यादव ने रेलवे के दो होटल—रांची और पुरी—के संचालन का ठेका निजी कंपनियों को देने में अनियमितताएं कीं। बदले में कथित तौर पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव से जुड़ी कंपनियों को पटना में ज़मीनें दी गईं।

कोर्ट का कहना: टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर कराया गया बदलाव

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि “पूर्व रेल मंत्री के स्तर पर हस्तक्षेप के बिना यह बदलाव संभव नहीं था।”
जज ने कहा कि टेंडर शर्तों में जो बदलाव हुए, वे सीधे तौर पर उस कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए जिसने बाद में जमीन ट्रांसफर की।

कोर्ट ने कहा, “Evidence prima facie suggests that the then Railway Minister influenced the process.”
इस टिप्पणी के बाद अदालत ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों पर आरोप तय करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई।

CBI की जांच और FIR का ब्यौरा

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका तब लगा जब सीबीआई ने 2017 में इस मामले की जांच शुरू की। FIR में लिखा गया कि लालू यादव ने रेलवे होटल टेंडर दिलाने के बदले अपने परिवार से जुड़ी कंपनियों के नाम पर तीन एकड़ ज़मीन हासिल की।

CBI के आरोपपत्र में कहा गया कि IRCTC के तहत बनाए गए होटल्स की निविदा प्रक्रिया में जानबूझकर ऐसे बदलाव किए गए ताकि उसी फर्म को फायदा हो जो पहले से संपर्क में थी।

लालू परिवार की दलील

लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने अदालत में कहा कि IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका देने वाला यह आदेश राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।
उनका कहना है कि यह मामला “पुराने राजनीतिक बदले” की भावना से उठाया गया है।
लालू यादव के वकील ने कहा, “हमारे मुवक्किल पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। कोई भी दस्तावेज यह नहीं दिखाता कि लालू यादव ने किसी को अनुचित लाभ पहुंचाया।”

हालिया सुनवाई में क्या हुआ

राऊज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान CBI ने कहा कि IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका इसलिए जरूरी था क्योंकि जांच के दौरान कई नए दस्तावेज मिले हैं जो यह साबित करते हैं कि टेंडर शर्तों में बदलाव उच्च स्तर से हुआ था।
कोर्ट ने इस दलील को मानते हुए कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं जिससे ट्रायल चलाया जा सकता है।

तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी पर भी आरोप

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका के साथ-साथ उनके परिवार पर भी कानूनी शिकंजा कसता दिख रहा है।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उन्होंने जमीन के सौदे को वैध ठहराने के लिए कंपनियों के नाम पर दस्तावेज तैयार करवाए।
सीबीआई के अनुसार, सौदा ऐसे समय में हुआ जब लालू यादव रेल मंत्री थे और यह सीधे “quid pro quo” यानी लाभ के बदले सौदा था।

राजनीतिक हलचल तेज

जैसे ही खबर आई कि IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका लगा है, बिहार की राजनीति में हलचल मच गई।
भाजपा नेताओं ने इसे “भ्रष्टाचार के खिलाफ न्याय की जीत” बताया, जबकि राजद नेताओं ने कहा कि यह फैसला “केंद्र सरकार की साजिश” है।

जेडीयू नेता संजय झा ने कहा, “लालू यादव ने हमेशा सरकारी पद का दुरुपयोग किया। कोर्ट का फैसला न्याय की दिशा में कदम है।”
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, “यह फैसला सच्चाई की जीत नहीं बल्कि सत्ताधारी दल की दबाव की राजनीति का हिस्सा है।”

विश्लेषण: IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका क्यों अहम है?

विश्लेषकों का मानना है कि IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका इसीलिए अहम है क्योंकि यह मामला अब ट्रायल स्टेज में पहुंच गया है।
अगर ट्रायल में दोष साबित होता है, तो लालू यादव और उनके परिवार को राजनीतिक रूप से भारी नुकसान हो सकता है।

इसके अलावा, यह केस आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि विपक्ष इसे “राजनीतिक उत्पीड़न” के तौर पर पेश करेगा, जबकि सत्ता पक्ष इसे “भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई” बताएगा।

निष्कर्ष

IRCTC घोटाले में लालू यादव को बड़ा झटका केवल एक कानूनी खबर नहीं, बल्कि बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में गहरे प्रभाव वाली घटना है।
कोर्ट की टिप्पणियों ने यह साफ कर दिया है कि जांच एजेंसियों के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं और अब इस मामले का अगला चरण ट्रायल का होगा।

लालू यादव के लिए यह फैसला न केवल राजनीतिक बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी बड़ी चुनौती है, जबकि उनके समर्थक इसे एक बार फिर “राजनीतिक साजिश” मान रहे हैं।

संबंधित खबरें

Most Popular

HTML Snippets Powered By : XYZScripts.com