लेह कर्फ्यू न्यूज: 3 दिन बाद 4 घंटे की ढील, सोनम वांगचुक पर जांच का शिकंजा
लेह में पिछले तीन दिनों से लागू कर्फ्यू के बीच लोगों को शनिवार को थोड़ी राहत मिली। लेह कर्फ्यू न्यूज के अनुसार, प्रशासन ने सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक 4 घंटे की ढील दी। इस दौरान लोगों ने जरूरी सामान की खरीदारी की और बाजारों में हलचल देखी गई।
हालांकि, हालात अभी पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। प्रशासन और सुरक्षा बल लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
लेह कर्फ्यू न्यूज: क्यों लगाया गया कर्फ्यू?
लेह में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों और बढ़ते तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने कर्फ्यू लगाया था। स्थानीय संगठनों द्वारा आयोजित प्रदर्शनों में अलगाववादी नारेबाजी और कथित भड़काऊ गतिविधियों के चलते हालात बिगड़ गए थे।
लेह कर्फ्यू न्यूज के मुताबिक, प्रशासन को आशंका थी कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है, इसलिए एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं।
लेह कर्फ्यू न्यूज: सोनम वांगचुक के PAK कनेक्शन की जांच
कर्फ्यू के बीच सबसे बड़ी चर्चा का विषय समाजसेवी और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक का नाम रहा। फिलहाल जोधपुर जेल में बंद वांगचुक पर पाकिस्तान से संपर्क रखने और कथित संवेदनशील सूचनाएँ साझा करने के आरोपों की जांच तेज हो गई है।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि वे उनके फंडिंग सोर्स और विदेशों में सक्रिय संगठनों से संबंधों की जांच कर रही हैं। लेह कर्फ्यू न्यूज के अनुसार, वांगचुक के मोबाइल, लैपटॉप और दस्तावेजों की भी फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
लेह कर्फ्यू न्यूज: प्रशासन और एजेंसियों का बयान
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प्रशासनिक अधिकारी: “स्थिति अब धीरे-धीरे नियंत्रण में है। ढील के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए पुलिस और सीआरपीएफ की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं।”
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जांच एजेंसी अधिकारी: “सोनम वांगचुक की भूमिका और उनके विदेशी संपर्कों को लेकर सबूत जुटाए जा रहे हैं। अगर आरोप सही पाए गए तो कड़ी कार्रवाई होगी।”
लेह कर्फ्यू न्यूज: आम जनता पर असर
कर्फ्यू के चलते आम लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ीं।
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दूध, सब्जियों और दवाइयों की भारी किल्लत हो गई।
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इंटरनेट बंद होने से कारोबार और शिक्षा पर असर पड़ा।
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4 घंटे की ढील के दौरान लंबी कतारें देखने को मिलीं।
लेह कर्फ्यू न्यूज ने यह भी बताया कि कई लोग स्थिति के जल्द सामान्य होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
लेह कर्फ्यू न्यूज: विपक्ष और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
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विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण विरोध को दबाने के लिए कर्फ्यू का सहारा लिया गया।
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भाजपा नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी देशविरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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स्थानीय संगठनों का दावा है कि प्रशासन ने अनावश्यक रूप से कठोर कदम उठाए हैं।
लेह कर्फ्यू न्यूज: सोशल मीडिया और सेंसरशिप
कर्फ्यू के दौरान सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और अफवाहें फैलने लगीं। इसी वजह से प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को बंद रखा। लेह कर्फ्यू न्यूज के अनुसार, सरकार ने चेतावनी दी है कि अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
लेह कर्फ्यू न्यूज: आगे की स्थिति
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प्रशासन फिलहाल रोज़ाना हालात की समीक्षा कर रहा है।
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इंटरनेट सेवाओं को धीरे-धीरे बहाल करने पर विचार किया जाएगा।
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सोनम वांगचुक के PAK कनेक्शन मामले में अगले हफ्ते बड़ा खुलासा हो सकता है।
निष्कर्ष
लेह कर्फ्यू न्यूज यह दर्शाता है कि कैसे सुरक्षा कारणों से प्रशासन को कठोर कदम उठाने पड़े। 3 दिन के तनाव के बाद मिली 4 घंटे की राहत ने लोगों को थोड़ी उम्मीद दी, लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य होने में अभी समय लगेगा। वहीं, सोनम वांगचुक के पाकिस्तान कनेक्शन की जांच ने इस पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा न केवल लेह, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति का भी बड़ा विषय बन सकता है।